Author Archives: Rajkumar Jain

बारह लग्नों के लिए शुभाशुभ ग्रह

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कुंडली में प्रथमतः जो ग्रह शुभ दिखता है उसका फल कभी-कभी बिल्कुल नहीं मिलता क्यांकि वह ग्रह उस कुंडली में वास्तव में शुभ नहीं होता। बारह लग्नों के लिए शुभाशुभ ग्रह के अनुसार ग्रह का ज्योतिषीय फल कथन कहना चाहिए।

जानिए सोते समय किस दिशा में रखने चाहिए सिर व पैर

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दक्षिण की ओर पैर करके सोने पर चुम्बकीय धारा पैरों से प्रवेश करेगी है और सिर तक पहुंचेगी. इस चुंबकीय ऊर्जा से मानसिक तनाव बढ़ता है और सवेरे जगने पर मन भारी-भारी रहता है।

श्री सिद्द रोजी रोजगार यन्त्र

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श्री सिद्द रोजी रोजगार यन्त्र व्यवसाय में उन्नति होने में बहुत सहायक है। व्यापारिक स्थितिया एवं वातावरण अनुकूल हो जाता है।

भूमि लक्षण

भूमि लक्षण

जो भूमि बोये हुए बीजों की तीन दिन में उगाने वाली, सम चौरस, दीमक रहित बिना फटी हुई शल्य रहित और जिसमें पानी का प्रवाह पूर्व ईशान या उत्तर तरफ जाता हो ऐसी भूमि सुख देने वाली है।

वक्री, मार्गी नीच और शत्रु क्षेत्री ग्रह की दशा अन्तर्दशा फल

वक्री, मार्गी नीच और शत्रु क्षेत्री ग्रह की दशा अन्तर्दशा फल

नीच और शत्रु ग्रह की दशा में परेदश में निवास, वियोग, शत्रुओं से हानि, व्यापार से हानि, दुराग्रह, रोग, विवाद और नाना प्रकार की विपत्तियाँ आती हैं। यदि ये ग्रह सौम्य ग्रहों से युत या दृष्ट हों तो बुरा फल कुछ न्यून रूप में मिलता है।

वास्तु अनुसार भूमि का आकार

भूमि का आकार

वास्तु शास्त्र में उल्लेख है केि प्राकृतिक रूप से यदि भूमि की आठ दिशाओं का परिमाण सम और चौरस हो तो वह भूमि उत्तम है।