नीच और शत्रु ग्रह की दशा में परेदश में निवास, वियोग, शत्रुओं से हानि, व्यापार से हानि, दुराग्रह, रोग, विवाद और नाना प्रकार की विपत्तियाँ आती हैं। यदि ये ग्रह सौम्य ग्रहों से युत या दृष्ट हों तो बुरा फल कुछ न्यून रूप में मिलता है।
नीच और शत्रु ग्रह की दशा में परेदश में निवास, वियोग, शत्रुओं से हानि, व्यापार से हानि, दुराग्रह, रोग, विवाद और नाना प्रकार की विपत्तियाँ आती हैं। यदि ये ग्रह सौम्य ग्रहों से युत या दृष्ट हों तो बुरा फल कुछ न्यून रूप में मिलता है।