गुरु यंत्र
सफलता के पीछे सकारात्मक उर्जा का होना अहम होता है और यही काम गुरु करते हैं। गुरु जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक उर्जा प्रदान करने में सहायक होते हैं। अपने सकारात्मक रुख के चलते व्यक्ति कठिन से कठिन समय को आसानी से सुलझा लेता है। गुरु आशावादी बनाते हैं और निराशा को जीवन में प्रवेश नहीं करने देते। इसके फलस्लरूप सफलता खुद ब खुद कदम चूमने लगती है। और जब सफलता मिलती रहती है तब जिंदगी में खुशहाली भी आ जाती है। लेकिन यही गुरु अगर कमजोर हो तो तमाम मुश्किलें जीना मुहाल कर देती है। बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं, किसी काम में यश नहीं मिलता, घर में पैसे की तंगी बनी रहती है और स्वास्थ्य पर भी इसका असर दिखने लगता है। ऐसे में गुरु यंत्र की स्थापना कर गुरु को कुंडली में मजबूत का घर में खुशहाली लाई जा सकती है।
गुरु यन्त्र स्थापना विधि
गुरु यंत्र को स्थापित करने के लिए सबसे पहले प्रातकाल उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर गुरु यंत्र को पूजन स्थल पर रखकर 11 या 21 बार गुरु के बीज मंत्र का “ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:” का जाप करें।
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