ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होता है, उसे जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उस व्यक्ति विशेष को महत्वपूर्ण पद और राज्य संबंधी सभी कार्य जैसे न्याय, राजदूत, राज्याध्यक्ष आदि पदों और व्यापार आदि में बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।
दिल और नेत्र से संबंधित परेशानियां लगी रहती है. साथ ही कई झूठे आरोपों का भी सामना करना पड़ता है और मान-सम्मान में भी कमी आती है. पिता के साथ संबंध अच्छे नहीं रहते और धन की हानि लगातार बनी रहती है. सूर्य के अशुभ प्रभाव से कुंडली में पितृ दोष भी लगता है।
कुंडली का सूर्य दोष व्यक्ति को थायराइड, डिप्रेशन, रूखी त्वचा, दर्द आदि की समस्याएं देता है. साथ ही ऐसे लोग निस्तेज और ऊर्जाहीन रहते है।
सूर्य यंत्र के लाभ
माना जाता है कि सूर्य यंत्र से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है।
सरकारी कार्यों, व्यापार और नौकरी संबंधी मामलों में भी जीत हासिल होगा।
जिन राशियों की कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब है, तो सूर्य यंत्र रखने से लाभ मिलेगा।
जिन लोगों को आंखों संबंधी कोई समस्या है, तो सूर्य यंत्र की पूजा करने से लाभ मिलेगा।
जिन लोगों की अपने पिता से नहीं बनती है। वह लोग सूर्य यंत्र की स्थापना करके विधिवत पूजा करें।
समाज में मान-सम्मान बढ़ाने के लिए सूर्य यंत्र की स्थापना करना शुभ होगा।
सूर्य यंत्र स्थापना विधि
सूर्य जयंती के दिन या फिर रविवार के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद एक चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर यंत्र स्थापित कर दें। इसके बाद सूर्य देव के बीज मंत्र ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’ का 11 या फिर 21 बार जाप करें। इसके बाद यंत्र को गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करें। इसके बाद चंदन, केसर और लाल फूल आदि चढ़ाकर हाथ जोड़े और अधिक से अधिक शुभ फल की प्रार्थना करें। इसके बाद सूर्य यंत्र की रोजाना पूजा करें।
Reviews
There are no reviews yet.