ज्योतिष

क्या है आपकी कुंडली में धन योग?
किस पाये में बालक का जन्म हुआ
भावकारक और स्थिरकारक
गुरु दशाफल विचार
गुरु दशाफल विचार
RAJKUMAR JAIN 29/11/2021

जिस किसी की कुण्डली में गुरु यदि अपनी उच्च राशि में स्थित हो, तो उसकी दशा के समय मनुष्य के भाग्य की अभिवृद्धि होती है।

राजयंत्र विशेष

राशियों में मंगल दोष-टोटके
राशियों में मंगल दोष-टोटके

राशि के अनुसार मंगल दोष निवारण

विशिष्ट राजयोग विचार
विशिष्ट राजयोग विचार
RAJKUMAR JAIN 10/2/2022 rajyog

केन्द्रेश और त्रिकोणेश का आपस मे सम्बन्ध होना 'योग' कहलाता है । 'राज' शब्द ऐश्वर्य-बोधक है इस कारण कुण्डली में कोई भी योग हो, यदि उसका फल शुभ, धनकारक, समृद्धि या उत्कर्ष करने वाला होता है तो उसे ज्योतिषियो की भाषा में 'राजयोग' कहते हैं।