अंक यन्त्रों की महिमा एवं विशेषता
अंक यन्त्रों का अपने आप में भारी महत्त्व है। यन्त्र विज्ञान में अंकों के माध्यम से कठिन कार्य सिद्ध होते देखे गये हैं। अंक यन्त्र में पन्द्रह से लगाकर 10,00,000 तक की संख्या के अंक होते हैं। प्राचीन शास्त्रों में उनका महत्त्व इस प्रकार से आंका गया है:-
1. पनरिया ( 15 ) यन्त्र सब प्रकार की सिद्धियों का दाता माना गया है तथा इसको “यन्त्र राज” भी कहा गया है।
2. सोलहवां (16) यन्त्र से चोर की बाधा नष्ट होती है।
3. उन्नीसां (19) यन्त्र से धान में कीड़े नहीं लगते हैं।
4. बीस (20) यन्त्र सोलह कोठे में लिखकर पास में रखने से सभी तरह के भय का नाश होता है।
5. चौबीसों ( 24 ) यन्त्र से तीर का निशान नहीं लगता है।
6. अठाईसा (28) यन्त्र रोग भय को नष्ट करता है।
7. तीसा (30) यन्त्र से शाकिनी भय नष्ट होता है।
8. बत्तीसा ( 32 ) यन्त्र का बालक के जन्म के समय उपयोग करने से सुखपूर्वक प्रसव होता है।
9. चौतींसा ( 34 ) यन्त्र देव ध्वजा पर लिखा जाये तो शुभ कारण है, परचक्र अथवा किसी के द्वारा भय प्राप्त होने वाला हो तो उसे मिटाता है, मकान के बाहर दीवार पर लिखने से पराभव नहीं होता, कामण टुमण का जोर नहीं चलता शाकिनी आदि का पलायन हो जाता है।
10. छत्तीसा ( 36 ) यन्त्र यदि सट्टा करने वाले लोग पास में रख कर सट्टा करें तो विजय होती है।
11. चालीसा ( 40 ) यन्त्र से सिर दर्द मिटता है, वैरी पैरों में गिरता है, गांव में, परगने में, मान-सम्मान बढ़ता है।
12. पच्चासवां (50) यन्त्र से बालक रोना बन्द करता है।
13. छप्पनवा ( 56 ) यन्त्र से मोहन होता है।
14. बासठवां (62) यन्त्र से बंध्या स्त्री को गर्भ स्थित होता है।
15. चौसठियें ( 64 ) यन्त्र की महिमा बहुत है। मार्ग में सर्व प्रकार के भय को नष्ट करता है, वैरीभय और शाकिनी डाकिनी के भय से धारक बच जाता है।
16. सत्तरवां (70) यन्त्र से रुतबा बुलन्द होता है।
17. बहतरवां (72) यन्त्र से भूत प्रेत का भय नष्ट होता है और संग्राम में विजय पाता है।
18. अठोतरिये (78) यन्त्र शिव सुख दाता एवं सर्व कष्ठ को नष्ट करने वाला है।
19. अस्सीवां (80) यन्त्र से सेवा फल प्राप्त होता है।
20. पिच्चासिये (85) यन्त्र से मार्ग का भय मिटता है।
21. नब्बे (90) यन्त्र से चोर चोरी नहीं करता है।
22. सौवां (100) यन्त्र से सर्वकाम सिद्धि होती है।
23. एक सौ बीस (120) यन्त्र बड़ा महत्त्वपूर्ण होता है इससे प्रसव सुखपूर्वक होता है तथा वेदना मिटती है।
24. एक सौ छब्बीसवां ( 126 ) यन्त्र से बंधा हुआ गर्भ छूटता है।
25. एक सौ बावनवां (152) यन्त्र को पानी से धोकर मुख धोयें तो भाईचारा एवं स्नेह बढ़ता है। भाई-बहिन का आपस में प्रेम रहता है।
26. एक सौ सतरिये (170) यन्त्र की महिमा बहुत है इसका वर्णन तुच्छ बुद्धि मनुष्य नहीं कर सकता।
27. एक सौ बहतरियां (172) यन्त्र से पुत्र का लाभ होता है तथा भय मिटता है।
28. दौ सौ का (200) यन्त्र दुकान के बाहर दीवार पर या किसी मांगलिक स्थापना के पास लिखने से व्यापार बहुत बढ़ता है।
29 तीन सौ (300) यन्त्र से नर-नारी का स्नेह बढ़ता है और टूटा हुआ स्नेह फिर से जुड़ता है।
30. चार सौ (400) यन्त्र से घर में भय नहीं रहता, खेत पर लिखने से व लिखकर खेत में रखने से धान्य उत्पत्ति अच्छी रहती है।
31. पांच सौ (500) यन्त्र से स्त्री को गर्भ धारण हो जाता है और साथ ही पुरुष भी बांधे तो उत्तम सन्तति सुख बनता है।
32. छः सौ (600) यन्त्र से सुख सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।
33. सात सौ (700) यन्त्र बांधने से झगड़े टन्टों में विजय कराता है।
34. नौ सौ (900) यन्त्र से मार्ग में भय नहीं होता तथा तस्कर भय मिटता है।
35. एक सहिस्रिये (1000) यन्त्र से पराजय पराभव नहीं होता और धारण करने वाला विजय पाता है।
36. ग्यारह सौ (1100) यन्त्र दुष्टात्मा की ओर से भय क्लेश होता हो तो वह मिट जाता है।
37. बारह सौ (1200) यन्त्र से बन्दी मुक्त हो जाता है।
38. पचास सहस्रिये (50,000) यन्त्र से राज सम्मान मिलता है और सब प्रकार का कष्ट मिटता है।
39. दस लाख दस हजार (10,10,000) यन्त्र से मार्ग में चोर नहीं आता है।
इस दृष्टि से सभी यन्त्रों के फल को समझ लेना चाहिये।