मन्त्र-व्याकरण में मन्त्र-समुदाय के दो प्रकार दिखाये गये हैं- आग्नेय मन्त्र और सौम्य मन्त्र। इनमें जो मन्त्र पृथ्वी, अग्नि और आकाश तत्व से युक्त होते हैं वे ‘आग्नेय’ कहलाते हैं तथा जल और वायु तत्त्व से युक्त होते हैं वे ‘सौम्य’ कहलाते हैं।
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सौभाग्य प्राप्ति मंत्र के १०८ बार जप से सन्तान, सम्पत्ति, सौभाग्य, बुद्धि और विजय की प्राप्ति होती है।
सर्व सिद्धियां प्राप्त मंत्र का प्रतिदिन १०८ बार जाप करने से स्त्री संबन्धी समस्त कठिन रोगों का नाश होता है और सर्व सिद्धियां प्राप्त होती हैं।