मधुमक्खी का छता, कुकुरमुता, खरगोश गृह में प्रवेश करने का अपशकुन होने से छह मास तक दोष रहता है। गृहशुद्धि करके शांति विधान अवश्य कर लेना चाहिए।
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जीवन में हम जो स्वप्न देखते है वो कई प्रकार के होते है जैसे अतृप्त इच्छाओं का स्वप्न दर्शन, आदेशात्मक स्वप्न, भविष्यसूचक स्वप्न
न तो जीव सुप्त अवस्था में स्वप्न देखता है, न जागृत अवस्था में। किन्तु कुछ सुप्त और कुछ जागृत अर्थात् अर्धनिद्रित अवस्था में स्वप्न देखता है।
प्रथम प्रहर का स्वप्न अति दूर जाकर फल देता है। दसरे प्रहर का स्वप्न उससे थोड़ा जल्दी फल देता है तीसरे प्रहर का स्वप्न और जल्दी फल देता है किन्तु अन्तिम प्रहर का स्वप्न शीघ्राति शीघ्र फल देता है।
जो स्वप्न (swapna) में सफेद गाय को बंधी हुई देखे श्रेष्ठ स्थान पर देखे, खुली हुई देखे गमन करती हुई देखे, तो निश्चय से यश की प्राप्ति होती है।
यदि सिर के ऊपर दही की हण्डी रखे हुए कोई ग्वालिन जा रही हो और दही के कण गिरते हुए दिखलाई पड़े तो यह शकुन यात्रा के लिए अत्यन्त शुभ है।
शुक्लपक्ष की षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि में स्वप्न देखने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।