यात्राकालीन शकुन

Shakun

यात्राकालीन शकुन | Shakun

यात्राकालीन शुभ शकुन

ब्राह्मण, घोड़ा, हाथी, फल, अन्न, दूध, दही, गौ, सरसों, कमल, वस्त्र, वेश्या, बाजा, मोर, पपैया, नेवला, बंधा हुआ पशु, यात्रा करते हुए दिखे तो शुभ शकुन समझना चाहिए।

मांस, श्रेष्ठ वाक्य, फूल, ऊख, भरा कलश, छाता, मृत्तिका, कन्या, रत्न, पगड़ी, विना बंधा हुआ सफेद बैल, मदिरा, पुत्रवती स्त्री, जलती हुई अग्नि और मछली आदि पदार्थ यात्रा के लिए गमन करते हुए दिखलाई पड़े तो शुभ शकुन समझना चाहिए।

सीसा, काजल, धुला वस्त्र, अथवा धोये हुए वस्त्र लिये हुए धोबी, मछली, घृत, सिहासन, रोदनरहित मुर्दा, ध्वजा, शहद, मेढा, धनुप, गोरोचन, भरद्वाजपक्षी, पालकी, वेदध्वनि, श्रेष्ठ स्तोत्र पाठ की ध्वनि, मांगलिक गायन और अंकुश ये पदार्थ यात्राके समय सम्मुख आवे और बिना जल का घड़ा लिये हुए आदमी पीछे जाता हो तो अत्युत्तम है।

कोयल, छिपकली, पोतकी, शूकरी, रता, पिगला, छछुन्दरि, सियारिन, कपोत, खञ्जन, तीतर इत्यादि पक्षी यदि राजा की यात्राके समय वाम भाग मे हो तो शुभ है। छिक्कर, पपीहा, श्रीकण्ठ, वानर और रुरुमृग यात्रा समय दक्षिण भागमे हो तो शुभ है। दाहिनी ओर आये हुए मृग और पक्षी यात्रा में शुभ होते है।

विषम संख्यक मृग अर्थात् तीन, पाँच, सात, नौ, ग्यारह, तेरह, पन्द्रह, सत्रह, उन्नीस, इक्कीस आदि संख्या मे मृगो का झुण्ड चलते हुए साथ दे तो शुभ है। यात्रा समय बायी ओर गदहे का शब्द शुभ है।

शुभ अशुभ शकुन दही का

यदि सिर के ऊपर दही की हण्डी रखे हुए कोई ग्वालिन जा रही हो और दही के कण गिरते हुए दिखलाई पड़े तो यह शकुन यात्रा के लिए अत्यन्त शुभ है।

  • यदि दही की हंडी काले रंग की हो और वह काले रंग के वस्त्र से आच्छादित हो तो यात्रा मे आधी सफलता मिलती है।
  • श्वेत रंग की दही की हंडी श्वेत वस्त्र से आच्छादित हो तो पूर्ण सफलता प्राप्त होती है।
  • यदि रक्त वस्त्र से आच्छादित हो तो यश प्राप्त होता है, पर यात्रा मे कठिनाइयाँ अवश्य सहन करनी पड़ती है।
  • पीत वर्ण के वस्त्र से आच्छादित होने पर धनलाभ होता है तथा यात्रा भी सफलता पूर्वक निर्विघ्न हो जाती है।
  • हरे रंग का वस्त्र विजय की सूचना देता है तथा यात्रा करने वाले की मनोकामना सिद्ध होने का संकेत है।

यात्राकालीन अशुभ शकुन

बाँझ स्त्री, चमड़ा, धानकी भूसी, हाड़, सर्प, लवण, अंगार, इन्धन, हिजड़ा, विष्ठा लिये पुरुप, तैल, पागल व्यक्ति, चर्बी, औषध, शत्रु, जटावाला व्यक्ति, संन्यासी, तृण, रोगी, मुनि और बालक के अतिरिक्त अन्य नंगा व्यक्ति, तेल लगाकर बिना स्नान किये हुए, छूटे केश, जाति से पतित, कान-नाक कटा व्यक्ति, भूखा, रुधिर, रजस्वला स्त्री, गिरगिट, निज घर का जलना, बिलावो का लड़ना और सम्मुख छींक यात्रा में अशुभ है।

गेरू से रंगा कपड़ा, या इस प्रकार के वस्त्रों को धारण करने वाला व्यक्ति, गुड़, छाछ, कीचड़, विधवा स्त्री, कुबड़ा व्यक्ति, लड़ाई, शरीर से वस्त्र गिर जाना, भैसो की लड़ाई, काला अन्न, रूई, बमन, दाहिनी ओर गर्दभ शब्द, अतिक्रोध, गर्भवती, शिरमुण्डा, गीले वस्त्र वाला, दुष्ट बचन बोलनेवाला, अन्धा और बहिरा ये सब यात्रा समय में सम्मुख आवें तो अति निन्दित हैं ।

यात्राकालीन शुभ अशुभ शकुन

यात्रा करने के समय कोई व्यक्ति खाली घड़ा लेकर सामने आवे और तत्काल भरकर साथ-साथ वापस चले तो यह शकुन यात्रा सिद्धि के लिए अत्यन्त शुभकारक है। यदि कोई व्यक्ति भरा घड़ा लेकर सामने आवे और तत्काल पानी गिराकर खाली घड़ा लेकर चले तो यह शकुन अशुभ है। यात्रा की कठिनाइयों के साथ धनहानिकी सूचना देता है।

गोहा, जाहा, शूकर, सर्प और खरगोश का शब्द शुभ होता है। निज या पर के मुख से इनका नाम लेना शुभ है, परन्तु इनका शब्द या दर्शन शुभ नहीं है। रीछ और वानर का नाम लेना और सुनना अशुभ है, पर शब्द सुनना शुभ होता है। नदी का तैरना, भयकार्य, गृहप्रवेश और नष्ट वस्तु का देखना साधारण शुभ है।

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