जानिए सोते समय किस दिशा में रखने चाहिए सिर व पैर

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सोते समय किस दिशा में रखने चाहिए सिर व पैर

हमेशा यह प्रश्न यदि आपके मन में उठता है की सोते समय सिर की दिशा क्या होनी चाहिए। सिर किस तरफ करके सोये तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी है।

सदा पूर्व या दक्षिणकी तरफ सिर करके सोना चाहिये। उत्तर या पश्चिमकी तरफ सिर करके सोनेसे आयु क्षीण होती हैं तथा शरीरमें रोग उत्पन्न होते हैं-

नोत्तराभिमुखः सुप्यात् पश्चिमाभिमुखो न च ॥ (लघुव्यासस्मृति २| ८८)

उत्तरे पश्चिमे चैव न स्वपेद्धि कदाचन ॥
स्वप्रादायुःक्षयं याति ब्रह्महा पुरुषो भवेत् ।
न कुर्वीत ततः स्वनं शस्तं च पूर्वदक्षिणम् ॥  (पद्मपुराण सृष्टि ५१ १२५-१२६)

प्राच्यां दिशि शिरश्शस्तं याम्यायामथ वा नृप।
सदैव स्वपतः पुंसो विपरीत तु रोगदम् ॥  (विष्णुपुराण ३। ११। १११)

पूर्व की तरफ सिर करके सोने से विद्या प्राप्त होती है। दक्षिण की तरफ सिर करके सोने से धन तथा आयु की वृद्धि होती है। पश्चिम की तरफ सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता होती है उत्तर की तरफ सिर करके सोने से हानि तथा मृत्यु होती है, अर्थात् आयु क्षीण होती है।

प्राकृशिरः शयने विद्याद्धनमायुश्च दक्षिणे । पश्चिमे प्रबला चिन्ता हानिमृत्युरथोत्तरे ॥ ( आचारमयूख विश्वकर्मप्रकाश)

शास्त्र में ऐसी बात भी आती है कि अपने घर में पूर्व की तरफ सिर करके ससुराल में दक्षिण को तरफ सिर करके और परदेश (विदेश) में पश्चिम को तरफ सिर करके सोये, पर उत्तर की तरफ सिर करके कभी न सोये-

स्वगेहे प्राक्खिराः सुप्याच्छ्वशुरे दक्षिणाशिराः ।
प्रत्यक्खिरा: प्रवासे तु नोदवसुप्यात्कदाचन ॥ (आचारमयूख विश्वकर्मप्रकाश १० ४५)

मरणासन्न व्यक्ति का सिर उत्तर की तरफ रखना चाहिये और मृत्युके बाद अन्त्येष्टि संस्कार के समय उसका सिर दक्षिण की तरफ रखना चाहिये।

धन-सम्पत्ति चाहने वाले मनुष्य को अन्न, गौ, गुरु, अग्नि और देवता के स्थानके ऊपर नहीं सोना चाहिये। तात्पर्य है कि अन्न- भण्डार, गौशाला, गुरु-स्थान, रसोई और मन्दिर के ऊपर शयनकक्ष नहीं होना चाहिये।

हमेशा आराम करते समय सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण की दिशा मे रहे। सूर्य की दिशा मतलब पूर्व और पैर हमेशा पश्चिम की तरफ रहे और कोई मजबूरी आ जाए कोई भी मजबूरी के कारण आप सिर पूर्व की और नहीं कर सकते तो दक्षिण मे जरूर कर ले। तो आपका सिर या तो पूर्व दिशा या दक्षिण दिशा में होना चाहिए। 

शांत निद्रा लेने की दृष्टि से पूर्व-पश्चिम दिशा, अर्थात पश्चिम दिशा में पैर करके सोना सबसे उत्तम है। उत्तर मे सिर करके कभी न सोये। उत्तर की दिशा म्रत्यु की दिशा है सोने के लिए। 

यदि आप सोते समय दक्षिण की ओर पांव कर के सोए हैं तो इसका मतलब है आप यमलोक की ओर जा रहे हैं।  दक्षिण की ओर पैर करके सोने पर चुम्बकीय धारा पैरों से प्रवेश करेगी है और सिर तक पहुंचेगी. इस चुंबकीय ऊर्जा से मानसिक तनाव बढ़ता है और सवेरे जगने पर मन भारी-भारी रहता है।

पृथ्वी में चुम्बकीय शक्ति होती है। इसमें दक्षिण से उत्तर की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती है। जब हम दक्षिण की ओर सिर करके सोते हैं, तो यह ऊर्जा हमारे सिर ओर से प्रवेश करती है और पैरों की ओर से बाहर निकल जाती है। ऐसे में सुबह जगने पर लोगों को ताजगी और स्फूर्ति महसूस होती है।

सोते समय किन चीजो का ध्यान रखना आवश्यक है जानने के लिए जरुर पढ़े सोये (शयन) कब और केसे?

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