Author Archives: Rajkumar Jain

बुध ग्रह शान्ति के घरेलू उपाय (टोटके)

बुध ग्रह शान्ति के घरेलू उपाय

गणेश जी की उपासना, बृहस्पति का अनुष्ठान, गाय को भोजन, केसर का तिलक, बकरी का दान आदि उपाय के द्वारा बुध ग्रह शान्ति की जा सकती है।

व्यायाम करते समय ध्यान रखने योग्य विशेष लाभकारी बाते

व्यायाम करते समय ध्यान रखने योग्य विशेष लाभकारी बाते

प्रारम्भ में ही अधिक व्यायाम न कर कर धीरे धीरे अभ्यास बढ़ाना चाहिए। प्रारम्भ में व्यायाम से शायद पहले शरीर में कुछ दर्द हो किन्तु उसकी परवाह न करना चाहिये। 

अंगूर फल

अंगूर फल

अंगूर सभी फलों में स्वादिष्ठ एवं उत्तम फल है। इसमें सर्वोत्तम प्रकार का ग्लूकोज एवं फ्रक्टोज होता है, जिससे शरीर में ऊर्जा तथा ताप प्रदान करके शक्ति की वृद्धि करता है।

कुंडली में राहु-केतु का फल विचार

कुंडली में राहु-केतु का फल विचार

राहु बारहवें भाव में नीच होता है और उसका कारक भाव भी है तथा केतु छठे भाव में नीच होता है और उसका कारक भाव भी है।

उच्च राशि ग्रहों के फल

उच्च राशि ग्रहों के फल

कुंडली में १२ भाव होते है और ९ राशि होती है। प्रत्येक ग्रह किसी एक राशी में उच्च स्थिति में होता है और उससे ठीक सातवे स्थान पर नीच स्थिति का होता है।

शनि अनिष्ट निवारक नीलम रत्न

शनि अनिष्ट निवारक नीलम रत्न

शनि की अशुभता निवारण करने वाला रत्न नीलम है। नीलम रत्न धारण करने से शनि की अशुभता कम हो सकती है अथवा बिल्कुल भी समाप्त हो सकती है।

तैंतीस अंकीय शनि यंत्र

तैंतीस अंकीय शनि यंत्र

यह तैंतीस अंकीय शनि यंत्र अति विशिष्ठ एवम् प्रभावकारी है। इस यंत्र की रचना लोहे अथवा जस्ते के पत्र अथवा भोजपत्र पर काली स्याही से करें।

शनि की साढ़ेसाती

शनि की साढ़ेसाती shani-sadesati

शनि गोचर में परिभ्रमण करता हुआ जन्मराशि से बारहवें भाव में आता है तब वह वहां पर ढाई वर्ष तक निवास करता है बाद में वह जन्मराशि में ढ़ाई वर्ष रहता है और पुनः जन्म राशि से दूसरे भाव में ढाई वर्ष की अवधि तक रहता है। यही शनि की साढ़े साती है।