तैंतीस अंकीय शनि यंत्र
यह तैंतीस अंकीय शनि यंत्र अति विशिष्ठ एवम् प्रभावकारी है। इस यंत्र की रचना लोहे अथवा जस्ते के पत्र अथवा भोजपत्र पर काली स्याही से करें। स्याही को शुद्ध करने हेतु उसमें गंगाजल मिलायें तत्पश्चात् शनिवार के दिन किसी पीपल वृक्ष के नीचे अथवा किसी एकान्त स्थान में रात्रि के समय इस यंत्र का निर्माण करें। पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर दक्षिण-पश्चिम कोण पर शनि यंत्र स्थापित करके सम्मुख शुद्ध सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें और निम्नलिखित मंत्रों में से किसी एक मंत्र का जाप करें-
- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ।
- ॐ खां खीं खौं सः शनैश्चराय नमः |
- ॐ नमो भगवते शनैश्चराय सूर्य पुत्राय नमः ।
उपरोक्त मंत्र अति प्रभावकारी हैं। इन मंत्रों का जप करने से शनि देव प्रसन्न होकर सुख शांति प्रदान करते हैं। अनुष्ठान पूर्ण होने के पश्चात् यंत्र को बहते जल में प्रवाहित कर दें।