शनि और सूर्य के योग से द्वादश भावों का फल

शनि और सूर्य के योग से द्वादश भावों का फल

शनि और सूर्य के योग से द्वादश भावों का फल

प्रथम भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

प्रथम भाव में शनि के साथ सूर्य का योग होने पर धन की कमी, पारिवारिक कलह, संचित सम्पत्ति का नष्ट होना, उन्माद, अकर्मण्यता, रोग-व्याधि आदि का प्रभाव रहता है। शनि की ढैया का प्रभाव भी जातक पर संभावित है।

द्वितीय भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

जातक की कुण्डली के द्वितीय भाव में शनि सूर्य का योग है तो जातक कृपण होगा, पैतृक सम्पत्ति प्राप्त होगी । द्विविवाह के भी योग बनते हैं। विवाह बिलम्ब से भी होने की सम्भावना है। दृष्टि दोष भी जातक को हो सकता है।

तृतीय भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

तृतीय भाव में शनि और सूर्य का योग हो तो जातक भौतिक सुखों से युक्त होता है। ऐसे जातकों का भाग्योदय प्राय: 26 वर्ष के पश्चात् होता है।

चतुर्थ भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

जिस जातक की कुण्डली के चतुर्थ भाव में शनि और सूर्य का योग होता है। ऐसे जातकों का भाग्योदय अपनी जन्म स्थली से दूर प्रायः परदेश जाने पर होता है।

पंचम भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

पंचम भाव में स्थित शनि सूर्य का योग जातक को धन कमाने के अनेक मार्ग प्रदान करता है। पारिवारिक कलह क्लेश से जातक परेशान रहता है। अनेक सन्तान के योग बनते हैं।

षष्ठम भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

षष्ठम भाव का शनि सूर्य वाला जातक क्रोधी, दुर्बल, संघर्षशील होता है। इन ग्रहों के योग से जातक खांसी, दमा, क्षयरोग का रोगी हो सकता है।  सूर्य ग्रह शान्ति के घरेलू टोटके आजमा कर इनके नुकसान को कम किया जा सकता है या बचा जा सकता है।

सप्तम भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

सप्तम भाव में शनि सूर्य की युति से ज्यादातर जातक को विपरीत परिणाम ही मिलते हैं। मानसिक तनाव से जातक त्रस्त रहता है।

अष्टम भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

अष्टम भाव में शनि सूर्य का योग दरिद्रता का द्योतक है।

नवम् भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

नवम् भाव में शनि के साथ सूर्य युति हो तो जातक नास्तिक होता है। जातक विरोधी स्वभाव का होता है।

दशम भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

दशम भाव में शनि सूर्य के योग के प्रभाव से जातक साहित्यकार ज्योतिषी, राजनीतिज्ञ तथा व्यभिचारी हो सकता है। दरिद्री के भी योग बनते हैं।

एकादश भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

एकादश भाव में स्थित शनि सूर्य का योग अपयश और निष्फलता का द्योतक है।

द्वादश भाव में शनि के साथ सूर्य का योग

द्वादश भाव में शनि सूर्य के योग से दो विवाह का योग, पारिवारिक सुख, विकास और लोकप्रियता प्रदान करता है।

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