आपकी कुंडली का मुख्य ग्रह
क्या है आपकी कुंडली का KEY PLANET
प्रतयेक कुण्डली में एक विशेष ग्रह होता है, जो कुण्डली का प्राण होता है। इस ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति कों सफलता नहीं मिलती है, अगर मिलती भी है तो बड़ी मुशकीलों का सामना करना पड़ता है।
अगर कुण्डली का मुख्य ग्रह मजबुत हो आपको दूसरें ग्रहों के बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है। मुख्य ग्रह के मजबुत होने पर आपकी सारी समस्याओं का हल हो जाता है।
कुण्डली के लग्न के अनुसार आपका मुख्य ग्रह :–
(1) मेष लग्न :- इस लग्न का मुख्य ग्रह सूर्य है। इस लग्न में सूर्य चमत्कारी परिणाम देता है। अगर कुण्डली में सूर्य मजबुत हो तो हर तरह की सफलता पाई जा स्कती है। सूर्य मजबुत होने पर स्वास्थ हमेशा अच्छा बना रहता है।
(2) वृष लग्न :– इस ग्रह का मुख्य ग्रह शनि है। इस लग्न में शनि सबकुछ होता है। अगर शनि मजबुत हो तो सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है। इस लग्न में शनि धन , सेहत , वैभव , और रिशतों का वरदान् देता है। अगर शनि मजबुत हो तो कोई भी बीमारी बड़ा रुप धारण नहीं कर सकती है।
(3) मिथुन लग्न :– इस लग्न का मुख्य ग्रह बुध होता है। इस लग्न का स्वामी भी बुध होता है। बुध आर्थिक– मजबुती देता है और व्यक्ति की सोच कों बेहतर रखता है। अगर बुध कमजोर हो तो बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ! व्यक्ति ठीक समय पर निर्णय नहीं लें पाता है और ज़िन्दगी ढह जाती है और कोई भी सफलता नहीं मिलती है।
(4) कर्क लग्न :– इस लग्न का मुख्य ग्रह मंगल है। कर्क लग्न सबसे बड़ा राजसी लग्न होता है। इस लग्न में सबसे बड़ी शक्ती मंगल के पास होती है। अगर मंगल मजबुत हो तो सफलता मिलती रहती है।दुर्घटना और सेहत की समस्या से बचाव होता है ! व्यक्ति कों कम प्रयास में ही सफलता मिलती है ! इस लग्न में अगर मंगल– अच्छा ना हो तो व्यक्ति का विकास नहीं होता है।
(5) सिहृं लग्न :– इस लग्न में दो मुख्य ग्रह होतें है मंगल और गुरू। इस लग्न की ताकत दोनों ग्रहों में विभाजित हो जाती है ! अगर दोनों ग्रह अच्छें हो तो जीवन में आने वालें उतार – चढ़ावं से बचें रहेंगे। मंगल और गुरू के मजबुत होने पर जीवन में संघर्ष कम हो जाता है ! मजबुत होने पर व्यक्ति की ताकत और प्रभाव कों बड़ाता है।
(6) कन्या लग्न :– इस लग्न का मुख्य ग्रह शुक्र है। शुक्र इस लग्न में सबसे ज्यादा बेहतर परिणांम देता है। शुक्र के मजबुत होने पर वैभव एवं रिश्तों का वरदान मिलता है ,अगर शुक्र अच्छा हो तो ग्लैमर मिलता है और सुख सफलतां मिलती है।
(7) तुला लग्न :– इस लग्न का मुख्य ग्रह शनि होता है। अगर शनि मजबुत हो तो व्यक्ति अपुर्व सफलता प्राप्तं करता है। जीवंन में किसी भी चीज का अभाव नहीं रहता है। शनि के मजबुत होने पर व्यक्ति समाज में विशिष्ठ स्थान पाता है।
(8) वृशिचक लग्न :– इस लग्न का मुख्य ग्रह गुरू है। गुरु के मजबुत होने पर धन ,मान ,स्वास्थ ,संतान और ज्ञान का वरदान मिलता है ! गुरू के कमजोर होने पर सफलता नहीं मिलती है।
(9) धनु लग्न :– इस लग्न का मुख्य ग्रह मंगल है। इस लग्न में सारी शक्ति मंगल के पास होती है। मंगल मजबुत होने पर जीवंन् में संघर्ष कम हो जाता है। मुकदमों और विवादों से छुटकारा मिलता है। धनु लग्न .में शनि का दुष्प्रभाव जल्दी हो जाता है ! मंगल मजबुत होनें पर ये शनि के दुष्प्रभाव से बचाता है।
(10) मकर लग्न :– इस लग्न का मुख्य ग्रह शुक्र है। शुक्र मजबुत होने पर विद्या ,बुद्धि ,धन का लाभ देता है। ये करियर का लाभ देता है। मजबुत होने पर स्वास्थ और संतान की समस्या से बचाव करता है। इस लग्न वालों कों शराब और नशें से परहेज करना चाहिऐं !
(11) कुम्भ लग्न :– इस लग्न में मुख्य दो ग्रह होतें है बुध और शुक्र। शुक्र ज्यादा महत्वपूर्ण होता है ! अगर शुक्र अच्छा हो तो नाम ,यश , ग्लैमर मिलता है ! व्यक्ति करियर की उचाईयों कों छुता है ! शुक्र हर तरह की मानसिक समस्याओं से छुटकारा दिलता है।
(12) मीन लग्न :– इस लग्न का मुख्य ग्रह चन्द्र होता है। इस लग्न की सारी ताकत चन्द्र के पास होती है ! चन्द्र मजबुत होने पर व्यक्ति ज्ञानी ,शानदार और सफल होता है ! चन्द्र अच्छा करियर देता है ! चन्द्र मजबुत होने पर अच्छी संपति का वरदान भी मिलता है।
जातक को मिलने वाला फल गोचर, ग्रह महादशा पर भी निर्भर करता है अतः कुछ भी विचार करने से पहले कुंडली के हर पहलू पर विचार कर भविष्य कथन करना चाहिए