चन्द्रमा की बारह राशियों में स्थिति का फल

चन्द्रमा की बारह राशियों में स्थिति का फल

चन्द्रमा की बारह राशियों में स्थिति का फल

मेष – चन्द्रमा मेष राशि में होने से जातक का मन अस्थिर, यात्रा प्रेमी-घूमने का शौकीन, अति कामी, शीघ्र प्रसन्न होने वाला, जल से डरने वाला, चिड़चिड़ापन, साहसी, आत्माभिमानी, सक्रिय, अधिकार-सुख एवं सत्ता का आनन्द, भोग करने की प्रबल इच्छा, सुन्दर शरीर, कोमल तन, शुद्ध एवं उदार मन, मस्तिष्क में विचारों का ज्वार-भाटा आता रहता है। 

वृष – चन्द्रमा वृष राशि में होने से जातक का उदार, शुद्ध हृदय, युवा एवं वृद्धावस्था में सुखी, कुशाग्र बुद्धि, धनवान, रूपवान, स्त्रियों को प्रिय, व्यवहार कुशल, सहनशील, विषय वासना एवं विलास की ओर अधिक झुकाव, भावुक एवं महत्वाकांक्षी। 

मिथुन – चन्द्रमा मिथुन राशि में होने से जातक विद्वान, तीव्र बुद्धि, शान्त स्वभाव, नासिका बड़ी या ऊंची, संगीत नृत्य, राग-रंग में रुचि, विनोदी, काम शास्त्र में निपुण, शान्त स्वभाव, दाम्पत्य मधुरता, मातृ पितृ भक्त, दूत कार्य में कुशल, लोक प्रिय। 

कर्क – चन्द्रमा कर्क राशि में होने से जातक अच्छा स्वभाव, चंचल मन, सुन्दर, दयालु, ज्योतिष में रुचि, शुद्ध चित्त, प्रकृति एवं भ्रमण प्रेमी, जल्दी चलने वाला, अत्यधिक भावुक, कुटुम्ब, घर, माता तथा देश से प्रेम करने वाला, स्त्री वशी, काव्य प्रेमी, विलासी, शीघ्र आवेश में आ जाए लेकिन शीघ्र शान्त भी हो जाए।  कर्क लग्न और आयुष्य योग

सिंह – चन्द्रमा सिंह राशि में होने से जातक साहसी, पराक्रमी धैर्यवान, स्थिर बुद्धि, अभिमानी होगा, किन्तु उसे छोटीछोटी बातों पर भी क्रोध आ जाएगा। क्रोध भी चिरस्थायी हो। दूसरे की बात सहन न करने वाला। समस्याओं को सुलझाने की स्वाभाविक बुद्धि रखता है। मन अशान्त। 

कन्या – चन्द्रमा कन्या राशि में होने से जातक सुन्दर, रूपवान, धनवान, धार्मिक, मधुरभाषी, विनीत, कुशाग्रबुद्धि, संगीत-नृत्य एवं कला की ओर आकर्षित, ज्योतिष में रुचि, परदेश में रहने वाला होता है। 

तुला – चन्द्रमा तुला राशि में होने से जातक परिवर्तनशील स्वभाव, गुणी, विद्वान, अनेक प्रवृत्तियों का सम्मिश्रण, व्यापार कुशल, कानून व राजनीति का जानकार, बुद्धिमान, विख्यात, स्त्रियों के वश में रहने वाला, कुटुम्ब का हितैषी। कोई निर्णय लेने में असमर्थ। कुशाग्र बुद्धि । मामूली कारण से अस्वस्थ हो जाए। तुला लग्न और आयुष्य योग

वृश्चिक – चन्द्रमा वृश्चिक राशि में होने से जातक कठिनाइयों -आपत्तियों से भरपूर जीवन, किशोरावस्था में रोगी, माता-पिता व भाइयों से अलग रहने वाला, स्पष्ट वक्ता। गृहस्थ जीवन क्लेश कर ।

धनु – चन्द्रमा धनु राशि में होने से जातक न्याय पसंद, बुद्धिमान, उदार हृदय, खुश मिज़ाज, सत्यवक्ता, विद्वान, लेखक, बल से काबू में न आने वाला परंतु प्रिय वचनों से वश में हो जाने वाला, शिल्प एवं काव्य प्रेमी।

मकर – चन्द्रमा मकर राशि में होने से जातक सदाचारी, पत्नी और सन्तान से प्रेम करने वाला। स्वार्थी, आलसी, कंजूस । पण्डित, वास्तव में उतना धार्मिक न होते हुए भी बाहर से बहुत धार्मिक प्रतीत होता है। काव्य एवं संगीत में रुचि। 

कुम्भ – चन्द्रमा कुम्भ राशि में होने से जातक नीति दक्ष, सुगठित शरीर, लंबा कद, विद्वान, दूरदर्शी, धार्मिक प्रवृत्ति, साधना में रुचि, पत्नी से विरोध रहे। 

मीन – चन्द्रमा मीन राशि में होने से जातक सुन्दर अंग, लज्जा युक्त, दयालु स्वभाव, विनीत, स्त्री में अनुरक्त, कपड़ों का भी शौकीन, वृद्धावस्था में धार्मिक प्रवृत्ति।

चन्द्रमा का हर भाव में अलग अलग फल होता है फल कथन के पहले इसे जरुर विचारे। 

 

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