शनि और बुध के योग का फल
शनि और बुध की युति का फल बारह भाव में निम्न अनुसार है :-
- कुण्डली के प्रथम भाव में शनि और बुध का योग हो तो जातक परोपकारी तथा सरल हृदय वाला होगा। सत्यभाषी होने के कारण उसे सम्मान तो मिलेगा किन्तु यदा-कदा अपयश भी प्राप्त होगा।
- द्वितीय भाव में शनि के साथ बुध विराजमान हो तो इन ग्रहों के सम्मिलित प्रभाव से जातक क्रोधी होगा।
- तृतीय भाव योग जातक को शिक्षा के क्षेत्र में बाधा उत्पन्न करेगा अर्थात् जातक की शिक्षा अधूरी होगी। सुख से हीन हो।
- चतुर्थ भाव में यह योग हो तो सामान्य शिक्षित होगा किन्तु उदार स्वभाव के कारण सम्मान प्राप्त करेगा। ऐसे जातक लेखन-प्रिय होते हैं।
- कुण्डली के पंचम भाव में शनि-बुध योग का जातक सामान्य शिक्षित होगा किन्तु अनुचित साधनों से धनार्जन करेगा।
- षष्ठम भाव में यदि शनि के साथ बुध विराजमान है तो इन ग्रहों के प्रभाव से जातक कठिन परिश्रमी होगा।
- सप्तम भाव में शनि- बुध योग जिस जातक की कुण्डली में हो ऐसे जातक को सुन्दर पत्नी प्राप्त होगी । जातक लेखक या अध्यापक होगा व्यापारी भी हो सकता है। व्यापार से लाभ होगा।
- शनि और बुध का योग कुण्डली के अष्टम भाव में पूर्ण रूप से अशुभ है।
- कुण्डली के नवम भाव में शनि बुध का योग हो तो जातक आलसी तथा चंचल मानसिकता वाला होगा।
- जातक की कुण्डली में शनि बुध का योग दशम भाव में अशुभ ही है।
- जातक की कुण्डली में शनि बुध का योग एकादश भाव में हो तो जातक गलत कार्यों से धनार्जन करेगा। अनेक विघ्न-बाधाओं से जूझते हुए शिक्षा प्राप्त करेगा।
- जातक की कुण्डली के द्वादश भाव में शनि के साथ बुध का योग जातक को धन-सम्पत्ति से पूर्ण करता है अर्थात् जातक धनवान होगा।