ग्रहों के द्वारा विचारणीय विषय
१. सूर्य से-पिता, आत्मा, प्रताप, आरोग्यता, आसक्ति व लक्ष्मी का विचार करें।
२. चन्द्रमा से-मन, बुद्धि, राजा की प्रसन्नता, माता और धन का विचार करें।
३. मंगल से-पराक्रम, रोम, गुण, माई, मूमि, शत्रु और जाति का विचार करें।
४. बुध से-विद्या, बन्धु, विवेक, मामा, मित्र और वचन का विचार करें।
१, गुरु से-बुद्धि, शरीर-पुष्टि, पुत्र और ज्ञान का विचार करें।
६- शुक्र से-स्त्री, वाहन, भूषण, कामदेव, व्यापार और सुख का विचार करें।
७, शनि से-आयु, जीवन, मृत्युकरण का विचार करें।
८. राहु से-पितामह (पिता का पिता) का विचार करें।
९. केतु से-मातामह (नाना) का विचार करें।
द्वादश भाव कारक ग्रह
सूर्य लग्न भाष्य का,
गुरु धन का,
मंगल सहज का,
चन्द्र और बुध शुभ का,
गुरु पुत्र का,
शनि और मंगल शत्रु का,
शुक्र जाया का,
शनि मृत्यु का,
सूर्यं और गुरु धर्म का,
गुरु, सूर्यं, बुध और शनि कर्म का,
गुरु लाभ का एवं शनि व्यय भाव का कारक हैं।