राशी और ग्रह
संपूर्ण ज्योतिष मुख्य रूप से नौ ग्रहों, बारह राशियों, सत्ताईस नक्षत्रों और बारह भावों (भाव) पर आधारित है।
वैदिक ज्योतिष में मुख्यतः ग्रह व तारों के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। पृथ्वी सौर मंडल का एक तरह का ग्रह है। इसके निवासियों पर सूर्य तथा सौर मंडल के ग्रहों का प्रभाव पड़ता है, ऐसा ज्योतिष की मान्यता है।
पृथ्वी एक विशेष कक्षा में चलायमान है। पृथ्वी पर रहने वालों को सूर्य इसी में गतिशील नजर आता है। इस कक्षा के आसपास कुछ तारों के समूह हैं, जिन्हें नक्षत्र कहा जाता है और इन्हीं 27 तारा समूहों यानी नक्षत्रों से 12 राशियों का निर्माण हुआ है। जिन्हें इस प्रकार जाना जाता है।
राशि 1-मेष, 2-वृष, 3-मिथुन, 4-कर्क, 5-सिंह, 6-कन्या, 7-तुला, 8-वृश्चिक, 9-धनु, 10-मकर, 11-कुंभ, 12-मीन प्रत्येक राशि 30 अंश की होती है। पूर्ण राशि चक्र 360 अंश का होता है। वेद पुराण में नवग्रह नौ ग्रहों को संयुक्त रूप से कहा गया है | जिसके अंतर्गत सात द्रष्य और दो छाया ग्रह है |
द्रश्य ग्रह 1 – सूर्य, 2-चन्द्र, 3-मंगल, 4-बुध, 5-गुरु, 6-शुक्र, 7-शनि
छाया ग्रह 1 – राहू , 2 – केतु