मंत्र ग्रहण कब करे

मंत्र ग्रहण कब करे

मंत्र ग्रहण कब करे 

मंत्र ग्रहण में मास

मंत्र ग्रहण में महीनों का महत्त्व है चैत्र में मन्त्र लेने से सर्व सिद्धि, वैशाख में धन लाभ, ज्येष्ठ में मरण, आषाढ में स्वजन हानि, श्रावण में दीर्घायु, भादों में सन्तान नाश, आश्विन में रत्नलाभ, कार्तिक और मार्गशीर्ष में मन्त्रसिद्धि, पौष में शत्रुबुद्धि और पीड़ा, माघ में बुद्धि का विकास और फाल्गुन में सर्व- मनोरथ सिद्धि होती है मल मास में कोई भी मन्त्र नहीं लेना चाहिए।

अपवाद – अपवाद के रूप में शास्त्रों की निम्न व्यवस्था है – चैत्र मास में केवल गोपाल मन्त्र लेना ही श्रेयस्कर रहता है । आषाढ मास में भी विद्या का मन्त्र ग्रहण करना ही अनुचित है शेष मन्त्र नहीं।

मंत्र ग्रहण में वारफल

मंत्र ग्रहण में वारफल – रविवार को मन्त्र लेने से धन लाभ, सोमवार को शान्ति, मंगलवार को आयुक्षय, बुधवार को श्री वृद्धि, गुरुवार को ज्ञान लाभ, शुक्रवार को सौभाग्य हानि और शनिवार को अपकीर्ति होती है।

मन्त्र ग्रहण में तिथिफल

मंत्र ग्रहण में तिथिफल – प्रतिपक्ष में मन्त्र लेने से ज्ञान नाश, दोज में ज्ञानवृद्धि, तीज में शीलवृद्धि, चौथ में धन हानि, पंचमी में बुद्धि विकास, पष्ठी में बुद्धिनाश, सप्तमी में सुख प्राप्ति, अष्टमी में बुद्धि विनाश, नवमी में स्वास्थ्य हानि, दशमी में राज्य व सम्मान लाभ, एकादशी में पवित्रता लाभ, द्वादशी में सर्वार्थ सिद्धि, त्रयोदशी में दरिद्रता, चतुर्दशी में पक्षी योनि में जन्म, अमावस में कार्य हानि और पूर्णमासी में धर्मवृद्धि होती है।

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