(1) सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ॐ श्रां श्रीं श्रृं श्रः शत्रुभय निवारणाय ठः ठः स्वाहा।
विधि- १०८ बार जप से सन्तान, सम्पत्ति, सौभाग्य, बुद्धि और विजय की प्राप्ति होती है।
(2) सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ॐ इरि मेरि किरि मेरि गिरि मेरि, पिरि मेरि सिरि मेरि हरि मेरि आयरिय मेरि स्वाहाः।
विधि- मंत्र को संध्या में ७ दिन तक १०८ बार जपें तो सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
(3) अखण्डित सौभाग्य प्राप्ति मंत्र : ऊँ ह्रीं णमो पुरिसोप्तमाणं अतलिय पुरिसाणं अर्ह अ सि आ उ सा नमः।
विधि : इस मंत्र के १०८ बार जपने से अस्खलित सौभाग्य की प्राप्ति होती है तथा भाग्यवृद्धि होती है।
(4) कुभाग्य को सौभाग्य में बदलने का मंत्र- ऐं क्लीं ह् सौः कुंडलिनी नमः
विधि- मंत्र को त्रिकाल १०८ बार जपने से कुभाग्य भी सौभाग्यमय हो जाता है।
(5) सौभाग्यवर्धक मंत्र - ॐ अप्रतिचक्रे फट्विचक्राय सर्ववश्यं मानय मानय स्वाहा।
विधि - इस मंत्र को प्रतिदिन 21 बार जपकर मुंह पर हाथ फेरे, इससे सौभाग्य वृद्धि होती है।