अजवाइन
अजवाइन को संस्कृत में यवानी, यवानिका, हिंदी में अजवायन, अजवाइन, मराठी में ओवा, गुजराती में अजमो, जवाइन, बंगाली में यमानी एवं अंग्रेजी में बिशप्स वीडसीड (Bishop's Weed Seed) कहते है।
अजवायन के बारे में कहा गया है की 'एका यमानी शतमन्न पाचिका' अर्थात् इसमें सौ प्रकार के अन्न पचाने की ताकत होती है।
आयुर्वेदिक के अनुसार अजवायन पाचक, रुचिकारक, गरम, तीक्ष्ण, कड़वी, शुक्रदोष निवारक, वीर्यजनक, पित्तजनक, हृदय के लिए हितकारी, कफ को हरने वाली, गर्भाशय को उत्तेजना देने वाली, ज्वर नाशक, शोथनाशक, मूत्रकारक, कृमिनाशक, वमन, शूल, उदर रोग, आमवात, बादी, बवासीर के रोगों का नाश करने वाली, ऊष्णवीर्य औषधि है।
पेट में कृमि : एक चौथाई चम्मच नमकीन अजवायन बच्चों को दिन में 3 बार नियमित रूप से खिलाते रहने से कुछ ही दिनों में सारे कृमि मर जाएंगे। 4-5 बूंद अजवायन का तेल सोते समय देने से लाभ होता है।
गठिया : जोड़ों के दर्द में पीड़ित स्थानों पर अजवायन के तेल की मालिश करने से राहत मिलेगी।
शीत पित्त : आधा चम्मच अजवायन और एक चम्मच गुड़ मिलाकर सेवन करें।
मिट्टी या कोयला खाने की आदत : एक चम्मच अजवायन का चूर्ण रात में सोते समय नियमित रूप से तीन हफ्ते तक खिलाएं। इससे मिट्टी खाने की आदत छूट जाती है।
पेट दर्द : एक ग्राम काला नमक और दो ग्राम अजवायन गर्म पानी के साथ सेवन कराएं।
स्त्री रोगों में : प्रसूता को एक चम्मच अजवायन और दो चम्मच गुड़ मिलाकर दिन में 3 बार खिलाने से कमर का दर्द दूर होकर गर्भाशय की शुद्धि होती है। साथ ही भूख लगती एवं बल में वृद्धि होती है। मासिक धर्म की अनेक तकलीफें इसी प्रयोग से दूर हो जाती हैं।
खांसी : एक चम्मच अजवायन को अच्छी तरह चबाकर गर्म पानी सेवन करें। रात में लगने वाली खांसी को दूर करने के लिए पान के पत्ते में आधा चम्मच अजवायन लपेटकर चबाएं और चूस-चूसकर उसका रस निगल जाएं।
बिस्तर में पेशाब करना : सोने से पूर्व एक ग्राम अजवायन का चूर्ण कुछ दिनों तक नियमित खिलाएं।
बहुमूत्र : समान मात्रा में अजवायन और गुड़ मिलाकर 5-5 ग्राम की गोलियां बना लें। दिन में 3-4 बार सेवन कराएं।
गैस : काला नमक और अजवायन समान मात्रा में पीसकर एक चम्मच की मात्रा में एक कप छाछ के साथ दिन में दो बार भोजन के बाद पिलाएं।
मुंहासे : 2 चम्मच अजवायन को 4 चम्मच दही में पीसकर रात में सोते समय पूरे चेहरे पर मलकर लगाएं और सुबह गर्म पानी से साफ कर लें।
दांत दर्द : पीड़ित दांत पर अजवायन का तेल लगाएं। एक घंटे बाद गर्म पानी में एक-एक चम्मच पिसी अजवायन और नमक मिलाकर कुल्ला करें।
जुकाम : अजवायन को पीसकर एक पोटली बना लें, उसे दिन में कई बार सूंघे, इससे बंद नाक खुल जाएगी।
अपच, मंदाग्नि में : भोजन के बाद नियमित रूप से एक चम्मच सिंकी हुई व। सेंधानमक लगी अजवायन चबाएं।
जू, लीख : एक चम्मच फिटकिरी और दो चम्मच अजवायन को पीसकर एक कप छाछ में मिलाकर बालों की जड़ों में सोते समय लगाये और सुबह धो लें।
कोरोना या अन्य वायरस से बचाव के लिए अजवाइन का विशेष उपयोग
मच्छर के रिपेलेंट के रूप में काम करे- सरसों के तेल को अजवाइन के बीज के साथ मिलाएं, इसे कार्डबोर्ड के टुकड़ों पर लगाएं और फिर उन्हें मच्छरों के काटने और हमलों से बचाने के लिए अपने घर के कोनों में रख दें। यह मलेरिया जैसे मच्छरों वाली बीमारियों के खतरे को भी कम कर सकती है।
सभी के घरों में कपूर और अजवाइन होता है। रोजाना सुबह-शाम इनकी धूनि लगाने से विभिन्न प्रकार के वायरसों और कीटाणुओं से घर को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा व्यक्ति को अदरक और तुलसी का बना काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। इसमें गुड़ या शहद डालने से स्वाद भी बढ़ता है और रोग प्रतिरोधी क्षमता में भी विकास होता है। शरीर में पानी की मात्रा की कमी नहीं होनी चाहिए क्योंकि पानी की कमी होने से प्रतिरोधी क्षमता कम हो जाती है।
वर्तमान परिस्थिति में जब कोरोना वायरस वातावरण में फेल रहा है तो अजवाइन के पानी को उबाल कर एक घंटे में दो दो घूंट पीते रहें, इससे भी वायरस गले में चिपके होने से यह पेट में चला जाएगा और हाइड्रोक्लोराइड लिक्विड उसे खत्म कर देगा।
यदि रोजाना सुबह आधा चम्मच अजवाइन को उबालकर पिएंगे तो आप कई समस्याओं जेसे डायबिटीज, हृदय संबंधी परेशानी, दांतों का दर्द, कब्ज, डाइजेशन, मोटापे, एसिडिटी, अस्थमा, खांसी और सिरदर्द से दूर रहेंगे।
अजवाइन ऊष्णवीर्य औषधि है अतः इसका उपयोग आपके शरीर की प्रकृति के अनुसार ही करे क्योकी ज्यादा सेवन करने से शरीर में गर्मी बढने से मुह में छाले और एसिडिटी बड सकती है।