विभिन्न प्रकार के उपरत्न
मूल स्टोन : इसे चन्द्रमणि भी कहते हैं । यह मोती का उपरत्न है। इसको पहनने से मानसिक शान्ति मिलती है।
स्फटिक : यह होरे का उपरत्न है। इसको धारण करने से पुत्र और धन की प्राप्ति होती है। इसमें सरस्वती का वास होता है।
ओनेक्स : (हरा मरगज) पन्ने का उपरत्न होता है। इसको धारण करने से आखो की रोशनी बढ़ती है।
गारनेट : (तामड़ा) मूगा, माणिक का उपरत्न है।
सुनहरा टोपाज : यह पुखराज का उपरत्न है।
एमेथोस : (जामुनिया) का उपरत्न है।
टाईगर : (पासन) लहसुनिया के नाम से बिकता है ।
ओपल : मोती व हीरे का काम करता है।
धुनेला : इसे स्मोकिंग टोपाज कहते है। यह एक शक शौकिया पत्थर है।
ब्लैक स्टार : यह शनि की शान्ति के लिये पहना जाता है।
फिरोजा : हर मटमैले कलय में होता है। मुसीबत में पड़ा इन्सान इसे पहन लें तो तुरन्त अपना प्रभाव दिखाता है।
वेरुज : नीले, हरे सफेद रंग का होता है।
विक्रान्त : तुरमली होरे का उपरत्न है।
गौदन्ता : मूलस्टोन को कहते हैं।
लालड़ी : माणिक की जगह पहना जाता है।
लाजवर्त : शनि का पत्थर है।
कटहैला : जामुनी रंग का होता है।
दानाफिरङ्ग : गुर्दे के दर्द में फायदा करता है।
मारियम : यह बवासीर में फायदा करता है।
हजरते बेर : सभी प्रकार के दर्दी में फायदा करता है।
हकीक : मारबल स्टोन, खेल-खिलोने बनाने का एक शुद्ध पत्थर राशि में फायदा करता है। यह कई रंगों में पाया जाता है, इसमें अनेक क्वालिटी होती है, यह सस्ता व मंहगा दोनों प्रकार का होता है।