मंगल की बारह राशियों में स्थिति का फल
मेष - मंगल मेष राशि में होने से जातक साहसी, सावधान, चतुर फुर्तीला, ओजस्वी, शीघ्र रोष में आ जाने वाला, आक्रामक स्वभाव, स्पष्ट वक्ता, उदार। मंगल दशम भाव में होने से पुलिस या सेना में उच्च पदाधिकारी या डाक्टर या सफल व्यापारी एवं सम्माननीय होता है।
वृष - मंगल वृष राशि में होने से जातक क्रूर स्वभाव, अत्यन्त कामुक, सिद्धान्त रहित, कठोर हृदय, स्वार्थी, सुन्दर शृंगारिक प्रसाधनों का उपयोग करने वाला। स्त्रीवशी।
मिथुन - मंगल मिथुन राशि में होने से जातक साहसी, निडर (भय रहित), कृपण, बुद्धिमान, विद्वान, बलवान, संगीत में रुचि।
कर्क - मंगल कर्क राशि में होने से जातक कुशाग्र बुद्धि, धनवान, गृहस्थ जीवन असंतोष पूर्ण, अनेकानेक कठिनाइयां, विद्वान, कठोर, डरपोक।
सिंह - मंगल सिंह राशि में होने से जातक गणित एवं ज्योतिष की ओर झुकाव, उदार, उग्र स्वभाव, स्वतंत्र विचारधारा, परिश्रमी, मन अशान्त।
कन्या - मंगल कन्या राशि में होने से जातक अहंकारी, लौकिक कार्यों में निपुण, आलोचक, स्वयं से भी असंतुष्ट, गायन में रुचि, कृपण।
तुला - मंगल तुला राशि में होने से जातक साहसी, दूरदर्शी, उच्चाकांक्षी, धनी बनने के लिए परिश्रम करने वाला, झगड़ालू, पर स्त्री में आसक्त। कपड़ों का शौकीन।
वृश्चिक - मंगल वृश्चिक राशि में होने से जातक उग्र स्वभाव, चतुर, व्यवहार कुशल, अनेक लोगों को अपनी मातहती में रखने वाला, व्यापार कुशल, धनवान, नीति दक्ष, राज्य सेवा में तत्पर, पुलिस अथवा सेना के किसी विभाग में पदाधिकारी या डाक्टर या सफल व्यापारी हो सकता है।
धनु - मंगल धनु राशि में होने से जातक साहसी, निर्भय, राजनीतिज्ञ, उदार, विनोदी, भ्रमणशील, लोकप्रिय, प्रसिद्ध, उच्च प्रशासकीय पद, उच्चाकांक्षी।
मकर - मंगल मकर राशि में होने से जातक धनी, राजनैतिक नेता, पुलिस अधिकारी, सेनापति आदि। प्रभावशाली पद पर आसीन, तीव्र बुद्धि, पुत्रवान, स्वस्थ, आत्मविश्वासी, विख्यात, सम्मानित, गुप्त शत्रुओं से पीड़ित।
कुम्भ - मंगल कुम्भ राशि में होने से जातक निर्धन, क्रूर, मिथ्यावादी, कृपण, मित्र बनाने में चतुर, हितैषी, अल्पबुद्धि, सार्वजनिक कार्यों से आर्थिक लाभ।
मीन - मंगल मीन राशि में होने से जातक बुद्धिमान, सावधान, लोकप्रियता की इच्छा, कामुक, मितव्ययी, गौर वर्ण, आज्ञाकारी, निरीक्षण-जासूसी की योग्यता। अस्थिर जीवन, गुप्त शत्रुओं से दुखी।